शनिवार, 30 अक्तूबर 2010

छत्तीसगढ़ की डायरी

राज्यपाल से भी बड़ा हो गया सलमान...? 
हे भगवान्.......
बॉलीवुड के कुख्यातकिस्म के विख्यात अभिनेता सलमान खान को राज्योत्सव में बुलाने की तो खूब आलोचनाएँ होती रहीं, मगर उसके आने के बाद जो कुछ हुआ, वह तो नहले पे दहले जैसी बात हो गई। राज्योत्सव के उद्घाटन के बाद मंच पर सलमान खान को बुलाया गया। दुखद पहलू यह रहा, कि राज्यपाल और मुख्यमंत्री और अन्य जनप्रतिनिधियों को मंच पर बुला कर सलमान का स्वागत करवाया गया। सबने यह दृश्य देखा और चकित रह गए। राज्यपाल एक हीरो का स्वागत करने पर मंच पर जाए, यह राज्यपाल के पद की गरिमा के खिलाफ है। और वो भी ऐसे हीरो का स्वागत करे, जिसका आपराधिक रिकार्ड रहा हो। लोगों ने इसे  सांस्कृतिक भूल कहा, जो हो गई है। लेकिन यह एक सबक है। दस मिनट मंच पर रहा सलमान और व्यवस्था चरमरा गई। युवा दर्शक बेचारे जिस उत्साह के साथ आए थे, उन्हें निराशा हाथ लगी। सलमान ने कोई कार्यक्रम ही पेश नहीं किया। संस्कृति विभाग के निमंत्रण पत्र में उसका ऐसा गुनगान किया गया, कि मत पूछिए। सलमान की चार तस्वीरें कुछ इस अंदाज में छपी हैं गोया वो आकर कोई धमाल करने वाला है। सलमान की तस्वीरें  छापने से संस्कृति विभाग का पुलिसियापन ही जाहिर हुआ है। खैर, जो होना था, सो हो गया: भविष्य में इस विभाग की गरिमा का ख्याल रखा जाना चाहिए।
कमीशनखोरी से दुखी भाजपाई
भाजपा की सरकार है मगर भाजपा के कार्यकर्ता शासन-प्रशासन में व्याप्त कमीशनखोरी से दुखी हैं। पिछले दिनों राजधानी में भाजयुमो का सम्मेलन सम्पन्न हुआ। इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग ठाकुर पधारे। सम्मेलन में मुख्यनमंत्री डॉ. रमन सिंह भी थे। यहाँ अनेक कार्यकर्ताओं ने अपनी पीड़ा सामने रखी और यह आरोप लगाया कि जनप्रतिनिधि विकास के लिए दिए जाने वाले पैसों में कमीशनखोरी करते हैं। राज्य में बढ़ रही शराबखोरी पर भी चर्चा हुई। अनुराग ठाकुर ने कहा, ऐसे गलत लोगों को बेनकाब करना चाहिए। सबको यह संकल्प करना चाहिए कि वे चुनाव ने शराब बाँटेंगे और न पीएंगे। मुख्यमंत्री इस प्रवृत्ति की निंदा करते हुए दो टूक कहा,कि ठेकेदारी करने वाले नेताओं को जनता रिजेक्ट कर देती है। सम्मेलन के माध्यम से वैचारिक मंथन हुआ। अब वे नेता सावधान हो जाएँगे जो कमीशनखोरी में लिप्त रहते हैं। और जिनकी तरफ इशारा किया जा रहा था।
दस्ता बना सिरदर्द...
हमारे गृहमंत्री ईमानदार हैं। कुछ करना चाहते हैं। मगर उनके दाएँ-बाएँ रहने वाले लोग उनकी छवि धूमिल करने के पीछे पड़ गए हैं। उन्होंने शराबखारी, जुआ-सट्टा आदि सामाजिक बुराइयों से निपटने के लिए एक दस्ता बना दिया, लेकिन अब यह दस्ता सिरदर्द साबित हो रहा है। इस दस्ते पर मारपीट-गुंडागर्दी, वसूली आदि के गंभीर आरोप लग रहे हैं। खरोरा में इस दस्ते ने जो गुंडागर्दी की, उसके खिलाफ तो भाजपा के ही जुझारू विधायक देवजी पटेल ने मोर्चा खोल दिया था। अब सांसद चंदूलाल साहू भी सामने आ गए हैं। इसके अलावा भी कुछ भाजपाई सामने आ कर दस्ते की हरकतों का विरोध कर रहे हैं। बेहतर तो यही होगा, कि गृहमंत्री वर्तमान दस्ते को भंग करे और साफ-सुथरी छवि वाले लोगों को जोड़ कर फिर नया दस्ता बनाए।
करोड़ों की कमाईवाला वन अधिकारी
जब लोग कहते हैं कि जंगल कट रहे हैं, वहाँ निर्माण कार्य में घपले होते हैं, तो लोग गलत नहीं कहते। मनेंद्रगढ़ में भारतीय वन सेवा के अधिकारी रजक के खिलाफ करोड़ों के घोटाले के आरोप लगे। उसकी जाँच भी हुई। अधिकारी अपनी सफाई में कुछ ठीक-ठाक नहीं कह पाए, इसलिए सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया है। ऐसे अनेक अधिकारी है, जिनके कारण छत्तीसगढ़ की वन संपदा नष्ट हो रही है। पिछले कुछ दिनों से अनेक भ्रष्ट अधिकारी सरकार के निशाने पर आ रहे हैं। अगर यही रफ्तार रही तो उम्मीद की जा सकती है, कि भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी। बशर्ते अधिकारी सुधर जाएँ।
घूसखोरी के खिलाफ हेल्पलाइन...
एक दशक हो गए अपने राज्य को बने, लेकिन विकास के साथ-साथ भ्रष्टाचार भी लगातार फलता-फूलता रहा है। विकास एक कदम चलता है और भ्रष्टाचार दस कदम आगे बढ़ जाता है। कई अफसर लाल हो गए हैं। इनसे कैसे निपटा जाए, यह बड़ी समस्या है। लेकिन इस दिशा में अब पहल हो रही है। लड़कियों से छेडख़ानी को रोकने के लिए सरकार ने एक हेल्पलाइन शुरू की है। कुछ टेलीफोन नंबर दिए हैं, जिस पर लड़कियाँ फोन करती हैं और दोषी को पकड़ा जाता है। अब रिश्वतखोरी को पकड़ाने के लिए भी हेल्पलाइन शुरू कर दी गई है। लोगों को इसका उपयोग करना चाहिए और जो रिश्वतखोर हैं, भ्रष्ट हैं, उनकी जानकारी इन नंबरों पर देनी ही चाहिए। आप भी नोट कर लें ये नंबर- 800, 110180 और 01124651000। हो सकता है, कभी काम ही आएं।
बच के रहें नकली मिठाइयों से...
अगले हफ्ते दीपावली है। इस अवसर पर आप मिठाइयाँ खरीदेंगे। लोगबाग आप को खिलाएँगे भी, मगर सावधान रहने की जरूरत है। पैसे कमाने की धुन में अनैतिक हो चुके कुछ लोग त्योहारों के मौकों पर नकली खोवा बनाते हैं। इसकी बनी मिठाइयाँ खाकर आदमी की जान भी जा सकती है। जहरीली चीजें धीरे-धीरे असर दिखाती हैं। मगर मौत के सौदागरों को इससे कोई मतलब नहीं। वे तो यह मान कर चलते हैं, कि ईश्वर के सामने हाथ जोड़ेंगे और पाप खत्म हो जाएँगे। ऐसे पापी पूरे छत्तीसगढ़ में छाए हुए हैं। वे राजधानी में भी हैं, रायगढ़ में भी हैं, अंबिकापुर में भी है तो बस्तर में भी। कहीं भी मिल जाएँगे मिलावटखोर। सावधान तो हमें रहना है। बेहतर हो कि घर पर मिठाइयाँ बनाएँ। खुद भी खाएँ और पड़ोसियों को भी खिलाएँ।
अरुंधति का पुतला फूँका
अरुंधति राय एक लेखिका है। अब वह सामाजिक कार्यकर्ता है। लेकिन वह कुछ ज्यादा ही उत्साह में आ जाती है। नक्सलियों का खुलेआम समर्थन करती ही है। अब वह इसलिए चर्चा में है कि उसने पिछले दिनों कह दिया, कि कश्मीर भारत का अंग नहीं है। अब यह बयान देशद्रोह से कम नहीं है। लेकिन अरुंधति काकुछ नहीं हुआ। हमारे देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का भयंकर दुरुपयोग होता है। होता रहा है। कायदे से अरुंधति पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए, मगर नहीं चला। लेकिन इस देश में लोग अभी मुर्दा नहीं हुए हैं। राजधानी में भी लोग जिंदा हैं। इसलिए अभाविप ने अरुंधति राय का पुतला दहन कर अपना आक्रोश व्यक्त किया। कहीं तो कोई प्रतिक्रिया हुई,यह बड़ी बात है। 

7 Comments:

amar jeet said...

छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना की 10 वी वर्षगांठ के अवसर पर और आपको आपके जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई हो !

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

गिरीश भाई, जन्‍मदिन की अशेष शुभकामनाऍं।


---------
मन की गति से चलें...
बूझो मेरे भाई, वृक्ष पहेली आई।

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

अच्‍छी खबर ली है आपने।


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मन की गति से चलें...
बूझो मेरे भाई, वृक्ष पहेली आई।

Satish Saxena said...

जन्‍मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ !

संजय कुमार चौरसिया said...

shree pankajji ko jan-din ki
bahut bahut badhai evam shubh-kaamnayen

girish pankaj said...

sabhi mitron kamai dil se aabharee hoo, ki unhone badhai dee, varnaaajkal jan kar bhi kaun kisi ko badhai dene ka samay nikalata hai...aabhar .....

निर्मला कपिला said...

छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना की 10 वी वर्षगांठ के अवसर पर और अपके अपने जन्म दिन पर बहुत बहुत बधाईयाँ व मंगल कामनायें।

सुनिए गिरीश पंकज को