बुधवार, 27 अक्तूबर 2010

छत्तीसगढ़ की डायरी

हद है....सलमान के स्वागत में सरकार...?
 

छत्तीसगढ़  में २६ अक्टूबर से राज्योत्सव शुरू हो गया है. १ नवम्बर २००० को नया राज्य बना था. यह दसवां वर्ष है. उत्सव १ नवम्बर तक चलेगा. लेकिन कल उद्घाटन के ठीक बाद मंच पर जो नज़ारा दिखा, उसे देख कर उन लोगो को गहरी निराशा हुई, जो चीज़ों को, जीवन को गंभीरता से लेते है. बालीवुड के एक नायक सलमान खान का जिस तरह मंच पर पहुँच  कर राज्यपाल, मुख्यमंत्री समेत अन्य मंत्रियों और अफसरों ने सोत्साह स्वागत किया, उसे देख कम से कम मेरे जैसे नागरिक की आँखे तो शर्म से झुक ही गई. औरों की भी झुकी होंगी, क्योंकि सलमान का ऐसा कद नहीं है, कि उसके स्वागत के लिये राज्यपाल और मुख्मंत्री मंच पर जाये. ये हो सकता है, कि सलमान खान राजपाल और मुख्यमंत्री का स्वागत करता. मगर यहाँ तो उल्टी गंगा बह रही थी. सलमान खान भी अपनी किस्मत को सराह रहा होगा  कि अच्छा राज्य मिला, जो उसे इतनामहत्व दे रहा है.
आखिर सलमान खान का अवदान क्या है? चंद औसत दर्जे की फिल्में..? क्यों उसे इतना महत्त्व दिया गया? इसलिए कि वह उसकी देहयष्टि आकर्षक है? इसलिए कि वह काले हिरनों का शिकार कराने में माहिर है, या फिर इसलिए कि वह गाडी चलता है और लोगों को कुचल देता है? किस कारण एक सरकार सलमान कहाँ का स्वागत कराने उमड़ पडी? इसका कारण खोजा जाना चाहिए. बहुत पुरानी बात नहीं है, जब सलमान को काले हिरन के अविध शिकार के लिये गिरफ्तार कर के जेल मे ठूंसा  गया था. नशे की हालत में कार चला कर लोगों को कुचलने का आरोपी भी यही (खल) नायक है. अनेक किस्से है, इस हीरो के. किसी से मारपीट करना, हीरोइनों के साथ 'स्कैंडल' गाली -गलौज  करना आदि-आदि  ऐसे व्यक्ति का  राज्योत्सव के मंच पर महानायक बता कर स्वागत करना यह बताता है कि राज्य मे ऐसे कुछ सलाहकार है, जो सांसकृतिक शून्यता के शिकार हो चुके है. ठीक है, कि सलमान को एक निजी कंपनी ने बुलाया था. मगर राज्यपाल और मुख्यमंत्री द्वारा उसका पुष्पगुच्छ से स्वागत करना, किसी भी कोण से सही नहीं ठहराया जा सकता. नई पीढ़ी के युवकों मे किसी हीरो को देखने की दीवानगी स्वाभाविक है, मगर एक सरकार किसी हीरो का स्वागत कराने मंच पर चली आये, यह पहली बार देखा गया. कलाकार का सम्मान होनाचाहिए, मगर उसकी सामाजिक छवि भी तो हो. जो व्यक्ति गंभीर अपराध के मामले में सजायाफ्ता हो, उसके स्वागत मे काम से काम सरकार को तो उतरना ही नहीं चाहिए था. मगर ऐसा हुआ, यह देख कर अनेक लोगों को धक्का लगा. राजपाल और मुख्यमंत्री से यह चूक कैसे हो गई, यह  लोगों की समझ से परे है. बहुत संभव है, उन्हें सलमान खान के अतीत की जानकारी न रही हो. यह काम सलाहकारों का है. पता नहीं उनको सलाह देने वाले लोग कैसे है. बहुत संभव है, कि उन लोगों को भी यह पता न रहा हो, कि सलमान खान गंभीर अपराध के सिलसिले में जेल कि हवा खा चुका है.
लोग पुरानी घटनाओं को जल्दी भूल जाते है.  दरअसल  रजत-परदे की चमक ही ऐसी है,कि इसमें दिखाने वाला खलनायक भी नायक लगता है. सलमान की  नई फिल्म ''दबंग'' आई है. जिसमें उसने  भ्रष्ट पुलिस अधिकारी का किरदार  निभाया है. फिल्म  'मुन्नी ' बदनाम हुई...'' जैसे गाने के कारण खूब चली. इस फिल्म कि लोकप्रियता ने सलमान को ज्यादा लोकप्रिय बना दिया. इस देश का दर्शक भी अब खलनायक को ही नायक समझाने की भूल कर रहा है. जो भी  हो, मै तो सलमान को खुशकिस्मत मानता हूँ, कि महानायक की तरह उसका छत्तीसगढ़ में पूरी सरकार ने स्वागत किया. इस छत्तीसगढ़ में इन दिनों वैसे भी पुलिस वाले दबंगई दिखा रहे है. लोग ठीक कह रहे है, कि अगर बालीवुड़ के ही किसी नायक को बुलाना था, तो ऐसे किसी कलाकार को बुलाते, जिसकी सामाजिक छवि भी ठीकठाक हो. कई नाम हो सकते है. मगर अब किसी ने सलमान की तगड़ी ''मार्केटिंग'' कर ही दी तो दूसरा नाम सामने कैसे आ सकता था. मगर सलमान का स्वागत करके सरकार की  छवि धूमिल ही हुई है, इसमें दो राय नहीं हो सकती. लोग इस घटना को चमत्कार की  तरह ले रहे है,कि एक सरकार एक विवादस्पद फ़िल्मी नायक के स्वागत मे उपस्थित हो गई.

2 Comments:

खबरों की दुनियाँ said...

बहुत खूब भईया । सही कहा है आपने । सब कुछ सहते हैं छत्तीसगढ़िया शायद इसीलिए हैं सबले बढ़िया । समय निकाल कर इसी विषय पर "खबरों की दुनियाँ"


पर भी गौर फ़रमायें , अच्छा लगेगा ।

Sanjeet Tripathi said...

दर-असल छत्तीसगढ़ सरकार "महान" है और "महान" लोग ऐसे ही काम करते हैं.

सुनिए गिरीश पंकज को