अपनी गली में एक पशु भी शेर होता है। कुछ यही हाल है अपनी पुलिस का थाने में कोई चला जाए तो वर्दी धारी उस पर ऐसे पिल पड़ते हैं कि पता नहीं सामने वाला कितना बड़ा गुनाहगार है। गुनाहगार के साथ दुब्र्यवहार तो चलो समझ में भी आता है, मगर जिसकी कोई गलती नहीं, उसे जब पुलिस के लोग पीटते हैं, तो लगता है, ये लोग ही सबसे बड़े अपराधी हैं। पिछले दिनों औद्योगिक नगर कोरबा की पुलिस ने जो कोबरा रूप दिखाया, उसे सुनकर लोग दहल गए। एक महिला बेचारी अपने पति की गुशुदगी की रिपोर्ट लिखाने गई थी, मगर वह तो जैसे गुंडों के बीच ही फँस गई। पाँच शराबी पुलिस कर्मियों ने उसको मारा-पीटा, उसके साथ बदसलूकी की। पुलिस के आला अफसर बोल रहे हैं कि महिला के साथ मारपीट नहीं की गई। महिला के शरीर पर जो निशान धिख रहे हैं, क्या वह भूत ने बना दिए? नैतिकता तो यह कहती है, कि पुलिस के आला अफसर स्वीकार करें कि हाँ, गलती हुई हैं। दोषी लोगों पर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन ऐसा करके शायद पुलिस छोटी हो जाएगी। इसलिए वो बड़ी बने रहना चाहती है? छत्तीसगढ़ में पुलिस अत्याचार के मामले तेजी के साथ बढ़ रहे हैं। पलिस निरंकुश हो रही है। लोग कहने लगे हैं, कि जिस प्रदेश का पुलिस-मुखिया लेखक हो, उसके समय में भी अगर पुलिस में करुणा-संवेदना-सहानुभूति आदि मानवीय तत्व नहीं जग सके, तो कब जगेंगे?
खुदकशी के बढ़ते मामले
छत्तीसगढ़ काँग्रेस में पहली बार जान लौटती दीख रही है। इस बार नए प्रदेशाध्यक्ष के रूप में नंदकुमार पटेल का हाईकमान ने चयन किया है। सही समय पर ओबीसी कार्ड खेला गया है। यही कारण है, कि पटेल की नियुक्ति को मोतीलाल वोरा, विद्याचरण शुक्ल और अजीत जोगी जैसे अलग-अलग गुट के नेताओं ने भी प्रसन्नता के साथ स्वीकार किया है। खुद श्री पटेल यह मान कर चल रहे हैं, कि छत्तीसगढ़ में अब विपक्ष मजबूत होगा। वे ऐसा नहीं कह रहे हैं, कि इसके पहले यहाँ विपक्ष कमजोर था, मगर जैसा भी था, या अभी है, वह सबके सामने हैं। आपस की गुत्थागुत्ती में उलझी पार्टी को नंदकुमार पटेल जोड़ सकें तो यह उनकी बड़ी सफलता होगी। कहने की जरूरत नहीं, कि विपक्ष अपनी सामाजिक छवि को बेहतर बनाने में बहुत पीछे हैं। लेकिन अब शायद ऐसा न हो। नंदकुमार पटेल प्रदेश के पहले गृह मंत्री रह चुके हैं। रायगढ़ जिले से आते हैं। सतह से उठ कर राजनीति करने वाले रहे हैं इसलिए काँग्रेस कार्यकर्ता बहुत आशावान है कि इस बार पटेल जी के अध्यक्ष बनने के बाद काँग्रेस शायद कुछ बेहतर प्रदर्शन कर सके।
भाजपा की सफल रैली...
राजधानी में शनिवार को भाजपा ने केंद्र सरकार के विरोध में सफल रैली निकाली और सप्रे शाला मैदान में सभा की। राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गड़करी और राजनाथ सिंह जैसे बड़े नेताओं की उपस्थिति में प्रदेश भर से आए हजारों कार्यकर्ताओं को दिशा मिली। गड़करी ने केंद्र के भ्रष्टाचार पर जमकर चुटकिया लीं। उन्होनें कहा, कि काँग्रेस का भ्रष्टाचार सबसे बड़ा धारावाहिक हो गया है। श्री गड़करी और राजनाथ सिंह समेत मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाया । प्रदेश के कोने-कोने से कार्यकर्ता पहुँचे थेे। इसरैली से कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार हुआ। राष्ट्रीय नेताओं ने मुख्यमंत्री रमन सिंह की सराहना भी की। लेकिन इस सभा को ले कर काँग्रेसी काफी नाराज थे। न केवल काँग्रेसी वरन् खिलाड़ी भी। काली पट्टी बांधकर एनएसयूआई न विरोध करने की कोशिश की मगर उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
प्रदूषण बनाम खरदूषण
प्रदेश में औद्योगिक विकास हो, इससे किसी को इंकार नहीं है। लेकिन यह विकास विनाश बन कर लोगों के जीवन को, स्वास्थ्य को ही निगलने लगे, तो विकास चुभने लगता है। रायपुर और आसपास अनेक उद्योग लगे हैं, उनके प्रदूषण के कारण आसपास की खेती चौपट हो रही है और लोगों का स्वास्थ भी गिर रहा है। यही हाल रायगढ़ के लोगों को है। रायगढ़ क्षेत्र भी औद्योगिक नक्शे में शुमार हो चुका है। लेकिन इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है। वहाँ के एक संयंत्र के विरुद्ध लोगों को सड़कों पर उतरना पड़ा। लोग एलर्जी से, दमे से तथा अनेक बीमारियों से परेशान है। संयंत्र का प्रदूषण खरदूषण जैसे राक्षस की तरह जीना दूभर कर रहा है। पिछले दिनों लोग कलेक्टर से मिले। शिकायत की तो कलेक्टर ने कुछ पंप सील करवा दिए मगर बाद में पता चला कि संयंत्र प्रबंधन ने पंप को खोल लिया । यह गंभीर अपराध है।
0 Comments:
Post a Comment